परिवार में संस्कार की सीख

 

परिवार और संस्कार दोनों ही मानवीय विकास के महत्वपूर्ण पहलु हैं। परिवार हमारे जीवन का मूलभूत और आधारभूत संगठन है, जहां प्रेम और सहायता सीखते हैं, और साझा खुशियों और दुःखों को बाँटते हैं। संस्कार व्यक्ति को समाजिक मान्यताओं, नैतिकता, और आदर्शों का पालन करने की क्षमता प्रदान करते हैं। वहां संस्कारिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक अद्वितीय माध्यम प्राप्त होता है।


परिवार संस्कार की एक प्रकार का शिक्षा संस्थान होती है, जहां परिवार के सदस्य संस्कारों को सीखते हैं और उन्हें अपने जीवन में अमल करने की प्रेरणा मिलती है। इस पाठशाला में परिवार के सदस्यों के बीच संवाद, सहयोग, और समरसता को स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। विभिन्न उम्र के लोगों को संस्कारिक मान्यताओं के बारे में शिक्षा दी जाती है, जिनमें शामिल हो सकते हैं संस्कृति, धार्मिक आदर्श, नैतिकता, सदभाव, त्याग, सेवा, और परिवारिक मूल्यों का पालन करना।


 अपने परिवार के सदस्यों का सम्मान करने, प्रेम और सहायता के भाव को साझा करने, और संघटित रहने की कला सिखाई जाती है। यहां उच्चतम नैतिक मान्यताएं और सामाजिक नियमों के पालन का महत्व समझाया जाता है, जिससे एक उच्च सोचने और उच्च आचरण वाला समाज निर्मित हो सकता है।


परिवार  में संगठित शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे लोग अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सही निर्णय ले सकते हैं। यह उन्हें संवेदनशीलता, समरसता, और सहानुभूति की क्षमता प्रदान करती है, जो एक सद्भावपूर्ण समाज की नींव होती है। परिवार संस्कार की पाठशाला व्यक्ति को संबंध बनाने, अपने परिवार के सदस्यों के साथ सहयोग करने, और सामाजिक मान्यताओं के प्रति समर्पित होने की अपार शक्ति प्रदान करती है।


 हमने देखा है कि परिवार संस्कार की पाठशाला  होती है और  यह हमें संस्कारिक मूल्यों को सीखने, उन्हें अपने जीवन में अमल करने की प्रेरणा मिलती है और हमें समाज के उच्चतम मान्यताओं की ओर प्रेरित करती है। परिवार  हमें संवेदनशीलता, समरसता, और सहानुभूति के साथ संगठित और सुशिक्षित बनाती है और समाज की संरचना को मजबूत बनाने में मदद करती है।


SHIV GOVIND SINGH

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